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बुधवार, 17 जनवरी 2018

भारत के दर्रे और ग्लेशियर

काराकोरम श्रेणी पर 5 ग्लेशियर हैं।


ससाइमी ग्लेशियर — काराकोरम श्रेणी भारत का सबसे बड़ा ग्लेशियर
सियाचिन ग्लेशियर – काराकोरम श्रेणी
हिस्पर ग्लेशियर – काराकोरम श्रेणी
बियाफो ग्लेशियर -काराकोरम श्रेणी
बाल्टोरो ग्लेशियर – काराकोरम श्रेणी


सियाचिन ग्लेशियर काराकोरम दर्रे के पास है तथा सियाचिन ग्लेशियर से एक छोटी नदी नुब्रा नदी निकलती है तथा नुब्रा नदी के आसपास का क्षेत्र नुब्रा नदी घाटी का क्षेत्र कहलाता है।


जम्मू कश्मीर के सारे ग्लेशियर काराकोरम श्रेणी पर अवस्थित है।


– गंगोत्री ग्लेशियर – उत्तराखंड
– मिलाम ग्लेशियर – उत्तराखंड
– यमुनोत्री ग्लेशियर – उत्तराखंड
– जेमू ग्लेशियर —— सिक्किम


तीस्ता नदी जेमू ग्लेशियर से निकलती है एवं ब्रम्हपुत्र नदी में मिल जाती है।


दर्रा – दो पहाड़ियों के बीच का गैप ।
– दर्रा का निर्माण पूर्ववर्ती नदियों के द्वारा हुआ है ।
– दर्रा पहाड़ियों के बीच रास्ता प्रदान करते हैं।


 काराकोरम दर्रा – जम्मू कश्मीर


भारत में सबसे ऊंचाई पर स्थित दर्रा 
– सियाचिन ग्लेशियर के पास पाक अधिकृत कश्मीर (pok) से होकर जाने वाला चीन-पाकिस्तान सड़क मार्ग काराकोरम दर्रे से होकर गुजरता है।
– खार्दुनाला दर्रा -जम्मू कश्मीर लद्दाख श्रेणी पर
– लेह से सियाचिन जाने के लिए खार्दुनाला दर्रा होते हुए नुब्रा घाटी होते हुए सियाचिन जाना होता है।
– बुर्जिल दर्रा – जम्मू कश्मीर में जास्कर श्रेणी पर
– जोजिला दर्रा – जम्मू कश्मीर में जास्कर श्रेणी पर
– श्रीनगर – वृहद हिमालय तथा लघु हिमालय के बीच
– परीपंजाल दर्रा – जम्मू कश्मीर में परीपंजाल श्रेणी पर
– बनिहाल दर्रा – जम्मू कश्मीर में परीपंजाल श्रेणी पर
– जम्मू से श्रीनगर जाने वाला सड़क  बनिहाल दर्रा से होकर गुजरता है इस सड़क मार्ग को जम्मू कश्मीर सड़क मार्ग कहा जाता है।
– जवाहर सुरंग बनिहाल दर्रा से होकर गुजरती है अर्थात जम्मू कश्मीर सड़क मार्ग जवाहर सुरंग से होकर गुजरती है। तथा जम्मू कश्मीर सड़क मार्ग को  NH 1A कहा जाता है।
– रोहतांग दर्रा – हिमाचल प्रदेश
– बारालाचाला दर्रा – हिमाचल प्रदेश, जास्कर श्रेणी पर
– मंडी से लेह जाने वाला सड़कमार्ग बारालाचाला दर्रा से होकर गुजरता हैं।


शिपकिला दर्रा


हिमाचल प्रदेश और तिब्बत की सीमा पर शिमला धौलाधार श्रेणी पर है। शिमला तथा मंडी से तिब्बत जाने के लिए शिपकिला दर्रा से होकर गुजरना पड़ता हैं।
– मुलिंग दर्रा -उत्तराखंड
– मनाला दर्रा – उत्तराखंड
– नीतिला दर्रा – उत्तराखंड
– लिपुलेख दर्रा – उत्तराखंड
– भारतीय तीर्थयात्री मानसरोवर झील तथा कैलाश पर्वत (तिब्बत) उत्तराखंड के दर्रो से होकर ही जाते हैं।
– नाथूला दर्रा – सिक्किम
– जेलेपला दर्रा – सिक्किम


– सिक्किम के बीचोबीच एक संकरा मैदानी इलाका वाला भाग है जिसे चुंबी घाटी कहते हैं। (खड़े ढाल वाली पहाड़ियों के बीच) चुंबी घाटी से तिब्बत जाने का रास्ता नाथूला दर्रा एवं जेलेपला दर्रा से होकर गुजरता है।
– भारत चीन के बीच सड़क मार्ग का व्यापार अधिकांशतः नाथूला दर्रा से होता है।
– बुमडिला दर्रा है या बूमला दर्रा – अरुणाचल प्रदेश
– यांग्याप दर्रा – अरुणाचल प्रदेश – अरुणाचल प्रदेश तथा तिब्बत की सीमा पर
– कांगलीफर्पोला दर्रा – अरुणाचल प्रदेश
– दिफू दर्रा – अरुणाचल प्रदेश
– पांगसाड दर्रा – अरुणाचल प्रदेश
– लिखापानी दर्रा – अरुणाचल प्रदेश -अरुणाचल प्रदेश तथा म्यांमार के सीमा पर
– अरुणाचल प्रदेश में ताबांग एक जगह है, जहां बौद्ध निवास करते हैं जिसके कारण चिंन ताबांग पर अपना दावा करता है। तथा दोनों मंगोलायड प्रांत के हैं।
-. तुजू दर्रा -मणिपुर {मणिपुर – म्यांमार सीमा पर}


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